Madhu Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -07-Jun-2022पाठशाला

पाठशाला की दोस्ती,
पाठशाला की दोस्ती बड़ी प्यारी होती,
छल कपट उसमें नहीं।
बस प्यार प्यार होता,
आज भी वह याद आता है ।
स्कूल का सुहाना सफर,
यादगार से दिन थे बड़े ।
मस्ती में हम तो पले बढ़े, और
जो सीट पर साथ बैठता,
वही दोस्त सबसे अज़ीज़ था।
साथ चलते कटा फोर्थ क्लास से,
12थ क्लास तक का सफर।
हर खुशी में साथ दिया करते थे।
एक दूजे को बिन देखे उदास हुआ करते थे।
अगर रुठे तो मनाया करते थे।
एक दूजे से सब बातेंपं बताया करते थे।
हंसकर वक्त गुजारा करते थे।
सभी लड़ते कभी झगड़ते,
साथ आया जाया करते थे।
हसीन लंम्हे यादों में बस गए
खूबसूरत एहसास से मन को छू गए।
अब उन दोस्तों के नाम ही याद हैं,
रब करे जीवन में उनसे मुलाकात हो।
फिर कोई सुनहरी शाम दोस्तों के नाम हो।
साथ मिलकर करें बैठे ,
और बचपन की यादें ताजा
वही स्कूल की अठखेलियां ,
और पुराने दोस्तों की बात।
एक दूसरे के छेड़ने का अंदाज,
काश मिल जाए सब दोस्त एक साथ।
                     रचनाकार ✍️
                     मधु अरोरा
                      प्रतियोगिता हेतु 
   

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9 Comments

Shrishti pandey

08-Jun-2022 01:56 PM

Nice

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Punam verma

08-Jun-2022 01:31 PM

Nice

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Abhinav ji

08-Jun-2022 08:44 AM

Nice👍

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